Tuesday, 13 December 2016

karma

कौन से *"कपड़े"* पहनूं
जिससे *मै* अच्छा लगूं
ये तो हम हर रोज *सोचते हैं*
*पर* कौन सा *"कर्म"* करुं
जिससे मै *भगवान* को अच्छा लगूं
ये कोई कभी भी *नही सोचता*

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